Friday, April 20, 2007

जो बीत गई

जो बीत गई, सो बात गई
जीवन मैं एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनन् को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहॉ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई, सो बात गई

हरिवंश राई बच्चन

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